हरिवंश राय ‘बच्चन’ जयंती विशेष मधुशाला मेरी समझ में अपने आप में सम्पूर्ण, एक व्यापक जीवन दर्शन है और कई बार हाला अपने शाब्दिक अर्थ की परिसीमा को लाँघकर लाक्षणिक अर्थ ग्रहण कर लेती है। कई बार वह विशुद्ध हाला ही रहती है, लोग चाहे उसकी