बाबा वांगा जिन्हे लोग बल्गेरियाई नोस्त्रेदमस भी कहते है, ने कथित रूप से साल २०२३ के लिए कुछ बहुत ही रोंगटे खड़े कर देने वाली भविष्यवाणियां की हैं, जिसके चर्चे साल २०२३ के आगाज़ के साथ न्यूज़ चैनलों,सोशल मीडिया तथाअख़बारों में आये दिन देखने पढ़ने को मिल रहे हैं।
इंसान की फितरत है कि वो हमेशा अपने भविष्य, अपने आने वाले कल को लेकर बहुत उत्सुक रहता है, आने वाले कल में क्या होगा, जानने के लिए तत्पर लेकिन खबर तो हमें अगले पल की भी नहीं होती। ऐसे में अगर कोई ऐसा मिलजाये जो सिर्फ आने वाले कल की ही नहीं बल्कि भविष्य में दशकों आगे घटित होने वाली महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं का संकेत घटनाक्रम के घटने से बहुत पहले दुनिया पर ज़ाहिर कर दे और कालान्तर में पूरी दुनिया उन भविष्यवाणियोंके साकार होने का मुजाहिरा करे तो पूरी दुनिया उनके कहे को माने या न माने,नज़रअंदाज़ तो नहीं करती है। इसी सिलसिले में बल्गेरियाई मिस्टिक बाबा वांगा का नाम इन दिनों काफी चर्चा में है। बाबा वांगा जिन्हे लोग बल्गेरियाईनोस्त्रेदमस भी कहते है, ने कथित रूप से साल २०२३ के लिए कुछ बहुत ही रोंगटे खड़े कर देने वाली भविष्यवाणियां की हैं, जिसके चर्चे साल २०२३ के आगाज़ के साथ न्यूज़ चैनलों,सोशल मीडिया तथा अख़बारों में आये दिन देखने पढ़नेको मिल रहे हैं।
भविष्यवाणियों और भविष्य वक्ताओं की बात करें तो, भारत में जन्मे ज्योतिषशास्त्र की बाकायदा पढाई होती है और इतिहास में जा कर देखें तो गणनाएं एक एक पल के हिसाब से सटीक बैठती थीं क्योंकि यह कोई अटकल बाज़ी काखेल नहीं है। ज्योतिष शास्त्र अपने आप में एक साइंटिफिक कैलकुलेशन है, पूर्णतः वैज्ञानिक। जो पृथ्वी, चन्द्रमा, सूर्य तथा सौरमंडल में घूम रहे अन्य ग्रहों की चाल और उनका प्रभाव किसी जातक या सामूहिक रूप से किसी देश यासमस्त विश्व पर कैसा पड़ेगा इस बात की सटीक गणना पर आधारित है। ये और बात है की अब इस विधा के विशेषज्ञ बहुत कम हैं तथा लोभ, झूठ और मक्कारी जालसाज़ी के खेल ज्यादा, मगर विधा अब भी जीवित है और अबआधुनिक शिक्षा प्रणाली का हिस्सा भी बन गई है।
विदेशी मशहूर भविष्यवक्ताओं की कड़ी में नास्त्रेदमस का नाम बाबा वांगा से भी पहले आता है।
फ्रांस के भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के बारे में आपने जरूर सुना होगा। १५६६ में अपनी मौत से पहले नास्त्रेदमस ने कुल मिला कर ६३३८ भविष्यवाणियां चौपायों के रूप में लिखी थीं, इन भविष्यवाणियों में बहुत कुछबताया गया है। यहां तक कि हमारी दुनिया का अंत कब और कैसे होगा इसके बारे में भी बताया गया है। जो लोग नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में विश्वास रखते हैं उनका मानना है कि विश्व युद्ध से लेकर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर परहमले तक की सारी घटनाओं को नास्त्रेदमस ने पहले ही अपनी भविष्यवाणी में लिख दिया था । नास्त्रेदमस की साल २०२३ के मद्देनज़र की गई विश्व युद्ध, मंगल पर इंसानी कदम, आर्थिक मंदी, आकाशीय आग और दो महाशक्तियों केमेल की प्रिडिक्शन्स भी इनदिनों काफी चर्चा में हैं। मगर बाबा वांगा की भविष्यवाणियों ने तो लोगो के होश हीउड़ा रखे हैं।
बाबा वांगा : जीवन वृत्त
बाबा वांगा बुल्गारिया की निवासी थीं और अपने क्षेत्र की जानी मानी मशहूर मिस्टिक थीं। उनका असली नाम वांगेलिया पांडेवा गुशतरोवा था। जो आगे चल कर बाबा वांगा के नाम से प्रसिद्धि हुई। बाबा वेंगा ने ११ अगस्त १९९६ में दुनियाको अलविदा कहने से पहले तक साल ५०७९ तक की भविष्यवाणी की है। बाबा वांगा का जन्म ३ अक्टूबर १९११ में पांडो सुरचेव तथा परस्केवा सुरचेवा के घर स्ट्रुमिका में हुआ था। उनका जन्म समय से पहले (प्री-मेच्योर) हुआ जिसकीवजह से वो बाल्यावस्था में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से पीड़ित रहीं । जन्म के समय,स्थानीय परंपरा के अनुसार, उनको तब तक कोई नाम नहीं दिया गया जब तक कि उनके जीवित रहने की संभावना नहीं थी। जब वो पहली बार रोईं तोएक दाई ने गली में जाकर एक अजनबी से उनके लिए नाम पूछा और इस तरह उनका नाम वांगेलिया पांडेवा गुशतरोवा पड़ा।
कहते हैं खास शक्तियों वाले लोगो के जीवन खास घटनाक्रम से भरे पड़े होते हैं , और बाबा वांगा भी कोई अपवाद नहीं हैं।क्रांतिकारी पिता के फौज में भर्ती होने के बाद, वांगेलिया की माता भी उनके बचपन में ही गत हो गईं। उसके बादबालिका वांगेलिया पड़ोसियों और रिश्तेदारों के मदद और खैरात पर ही पलीं। वांगेलिया से ही प्रतिभावान थीं और उनके खेल भी निराले होते थे। वो बचपन में भी हीलिंग का खेल खेला करती और अपने बीमार दोस्तों को जंगली जड़ी बूटीदे कर ठीक कर दिया करती थीं। उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ उनके बारहवें वर्ष में आया। १२ वर्ष की आयु में बालिका वांगेलिया को एक चक्रवात(बवंडर) उठा ले गया। बालिका वांगेलिया बाद में खुद ही बताया था की चक्रवात मेंकाफी देर तक घूमने के बाद वो दूर किसी खेत में गिर गई थीं। रिश्तेदारों के बहुत ढूंढने के बाद वो उन्हें उस खेत में बुरी तरह डरी हुई अवस्था में मिली थीं। उनकी आँखों में धूल मिट्टी भर गई थी और वो अपनी आँखें खोल भी नहीं पा रहीथीं। इलाज के लिए पैसे न होने के कारण उनकी दृष्टि जाती रही। उन्हें फिर दृष्टिहीनों के स्कूल में भेज दिया गया जहाँ उनको ब्रेल लिपि, पियानो बजाना खाना पकाना और सफ़ाई की शिक्षा दी गई । कालान्तर में वांगेलिया जब घर वापसआईं तो अपने परिवार के साथ ही रहीं। बाह्य रूप से देखें तो बालिका दृष्टिहीन हो गई थी लेकिन परमात्मा ने उनको एक ऐसी दिव्य दृष्टि प्रदान कर दी जिसके कारण वो अपने देश और कालांतर में विश्व भर में अपनी दिव्यदृष्टि के कारणही प्रसिद्ध हैं।
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वांगेलिया अपनी दूरदृष्टि के लिए धीरे धीरे प्रचलित हो गई थीं और दूर दूर से लोग उनके पास अपने परिजनों, जो कि युद्ध पर गए थे उनकी खैरियत पूछने या लापता सैनिकों के जीवित होने की पुष्टि करने आयाकरते थे। अब बालिका युवा हो गई थी और बहुत प्रसिद्द भी। साल १९४२ में वांगा ने दिमितार गुशतरोव से शादी की। पेट्रिच शहर के पास क्रांदझिलित्सा गांव का एक बल्गेरियाई सैनिक गुशेत्रोव अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिएवांगा के शहर आया था। वहीं उसकी मुलाकात वांगा से हुई। शादी के कुछ समय पश्चात्, दिमितर और वांगा पेट्रीक नामक शहर में रहने लगे , जहाँ वांगा बहुत जल्द ही प्रसिद्ध हो गईं। दिमित्र को तब बल्गेरियाई सेना में नियुक्त किया गयाथा और उत्तरी ग्रीस में तैनात किया गया था, जो उस समय बुल्गारिया द्वारा कब्जा कर लिया गया था। कालान्तर में वांगा के पति गुशतरोव बीमार हो गए, और अंततः १ अप्रैल १९६२ को उनकी मृत्यु हो गई।
लेकिन बाबा वांगा की प्रसिद्धी दिनों दिन बढ़ती ही रही, देश के गणमान्य लोगों और आम लोगों का बाबा वंगा के पास ताँता लगा रहता था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, बल्गेरियाई राजनेता और विभिन्न सोवियत गणराज्यों के नेता, कथिततौर पर, सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव लियोनिद ब्रेझनेव सहित कितने ही महत्वपूर्ण लोग उनके दर्शन करने दूर से आते थे।१९९० के दशक में बाबा वांगा ने अपने भक्तो द्वारा दिए गए पैसों से अपने शहर रूपाइट में एकचर्च का निर्माण कराया । बाबा वांगा की मृत्यु ११ अगस्त १९९६ में स्तन कैंसर से हुई थी। उनके अंतिम संस्कार के वक़्त भारी भीड़ उमड़ी थी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए ।
बाबा वांगा : फलित भविष्यवाणियां
बाबा वांगा अर्ध साक्षर थीं और उन्होंने खुद से कोई किताब नहीं लिखी, हालाँकि उनकी कथित रूप से कही बातें कालान्तर में कई पुस्तकों के रूप में प्रकाशित हुई हैं। द वीजर फील्ड गाइड टू द पैरानॉर्मल जैसे सूत्रों का दावा है की बाबावांगा ने स्टालिन की मृत्यु , चेर्नोबिल की आपदा, सोवियत संघ का विघटन, रूसी पनडुब्बी कुर्स्क के डूबने ब्रिटेन की राजकुमारी डायना की मृत्यु, ब्रेक्सिट, टोपालोव के शतरंज विश्वविजेता होने की सच्ची भविष्यवाणियाँ की थी। बाबावांगा की अन्य महत्वपूर्ण भविष्यवाणी थी ११ सितम्बर को अमरीका में हुई ट्विन टावर ध्वस्त होने की घटना। उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ तनाव को लेकर भीआगाह किया था। रुसी राष्ट्रनायक पुतिन को लेकर भी उन्होंने कहा था के वहीजीतेंगे और रशिया पर राज करेंगे। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए भी बाबा वंगा ने पहले से ही इंगित किया था कि अमरीका के ४४ वे राष्ट्रपति एफ्रो-अमेरिकी होंगे। उनके भक्तों का कथित रूप से मानना है की उन्होंने अपनीमौत की तिथि भी पहले से ही लोगों को बता दी थी और उसी दिन उनकी मौत हुई।
बाबा वांगा की कुछ कथित भविष्यवाणियां साल २०२३ को लेकर भी हैं। उनकी भविष्यवाणियों से मिलती जुलती कुछ भविष्यवाणियां नास्त्रेदमस की भी हैं। यहाँ ये साफ़ करना जरूरी है की की बाबा वांगा तथा नास्त्रेदमस की सभीभविष्यवाणियां सही नहीं हुई हैं और उनके भविष्य कथनों की सफलता की दर ७० -८० प्रतिशत ही आंकी गई है। दूसरी और सबसे अहम् बात है यह है कि इनकी कथित भविष्यवाणी साफ़ तौर पर कुछ नहीं कहती बस घटना क्रम की ओरेइंगित करती हैं जिसे विशेषज्ञ कई बार घटना के घटित होने के बाद विश्लेषित किया करते हैं
बाबा वांगा की २०२३ की भविष्यवाणियां :
सोलर स्टॉर्म : मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि बाबावांगा के अनुसार, २०२३ में एक सौर तूफान पृथ्वी से इतने बड़े पैमाने पर टकराएगा, जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा होगा और जिसके कारण बहुत बड़ी तबाहीमचेगी ।
जैविक हथियार : बाबा की भविष्यवाणी के अनुसार, कोई देश जैविक हथियारों से हमला कर सकता है. जिससे काफी संख्या में लोग मारे जायेंगे. मौजूदा समय में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध हो रहा है जिसमें रूस के राष्ट्रपतिव्लादिमीर पुतिन कई बार जैविक हथियारों के इस्तेमाल की बात कह चुके हैं.
नाभिकीय विस्फ़ोट : बाबा वांगा ने कथित तौर पर साल २०२३ में एशिया महाद्वीप के किसी न्यूक्लियर पावर प्लांट में धमाके की बात कही है। उनकी भविष्यवाणी के मुताबिक़, इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। अभी२०२२ में यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिम और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बीच दुनिया परमाणु विस्फोट के बहुत करीब तो आ ही गई थी।
एलियन का हमला : इन सभी भविष्यकथनो के बीच सबसे डरावनी भविष्यवाणियों में से एक, पृथ्वी पर एलियंस की यात्रा के बारे में बाबा वांगा की भविष्यवाणी है । भविष्यवक्ता के अनुसार, दुनिया खुद को “अंधेरे में ढकी”पाएगी और मिस्टिक बाबा ने दावा किया है कि अगर अगले साल एलियंस पृथ्वी पर आएंगे तो लाखों लोग मर जाएंगे।
प्रयोगशाला में मानव विकसित करना: वांगा की भविष्यवाणियों के अनुसार, मनुष्य २०२३ में प्रयोगशालाओं में विकसित होगा। विज्ञान में निरंतर सफलताओं के फलित होने के साथ, लैब शिशुओं की अवधारणा बाबा वांगा केकथनानुसार एक वास्तविकता बन सकती है,उन्होंनेकथित तौर पर यह भी कहा है कि माता-पिता अपने बच्चों की त्वचा का रंग और विशेषताओं को तय करने में सक्षम होंगे।
भविष्य के गर्त में छुपी सच्चाई पर चर्चा
नए साल के आगाज़ से पहले ही साल २०२३ की आमद पर न जाने कितनी बातें कही गई, कितनी अटकलें लगाई गईं, अखबारों में सभी राशियों के सालाना भविष्य फल बताये गए। आर्थिक, सामाजिक, वैवाहिक, व्यवसाय सम्बंधित, प्रेमसम्बंधित ज्ञान विज्ञान सम्बंधित। हर साल की तरह इस वर्ष भी नोस्त्रेदामस और बाबा वांगा की भविष्यवाणियों पर गरमा गर्म चर्चाएं भी हुईं। सब ने पढ़ा सुना, कुछ खुश हुए कुछ उदास। लेकिन सब से अहम् बात ये है की जो भविष्य केगर्त में है वो भविष्य में ही है, अपनी सच्चाई वर्तमान में है, ज्योतिष विद्या का आविर्भाव हमारे अपने देश में हुआ और इसकी वैज्ञानिकता भी प्रमाणित हो चुकी है, हमारे पूर्वज अगर चाहते तो सृष्टि की शुरुआत से लेकर अंत तक की घटितहोने वाली घटनाओं का लेखा जोखा पहले से ही हमें दे दिया होता, मगर हमारा देश गीता के वचनों पर चलने वाला है जहाँ कर्म की ही प्रधानता है और जहाँ कर्म से भाग्य बदला जाता है। तो हस्बेमामूल यह कि भविष्यवाणियां अपनी जगहहैं और ईश्वर की सत्ता और ईश्वर की बनाई सर्वश्रेष्ठ कृति यानि मानव जाति की कर्मठता अपनी जगह। भगवद गीता के अध्याय २ का ४७ वा श्लोक जिसमे श्री कृष्ण ने अर्जुन को रणभूमि में अपने सगे सम्बन्धी को देखकर, युद्ध छोड़ देनेकी बात पर ज्ञान दिया था कि कर्मकरना ही हमारे अधिकार क्षेत्र में आता है ना कि फल की चिंता करना इसलिए हे पार्थ तुम कर्म के फल प्रति आसक्त न हो या कर्म न करने के प्रति प्रेरित न हो।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥
इन भविष्यवाणियों की सच्चाई तो आने वाला समय ही बताएगा मगर वर्तमान को भविष्य की सोच में गंवाना कोई समझदारी नहीं है।
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