एक मध्यम वर्गीय भारतीय की निष्ठा इश्क़ से रोटी की ओर घूम जाती है। वह हुस्न-ओ-सुख़न की शायरी छोड़कर धूमिल-मुक्तिबोध को पढ़ने लगता है
जब उम्र 25 पर पहुँच रही हो और नौकरी न मिले, तो एक मध्यम वर्गीय भारतीय की निष्ठा इश्क़ से रोटी की ओर घूम जाती है। वह हुस्न-ओ-सुख़न की शायरी छोड़कर धूमिल-मुक्तिबोध को पढ़ने लगता है।
एक इश्क़ ही इलाज़ ग़म-ए-ज़िन्दगी नहीं
दुनिया में और भी हैं तकाज़े हयात के
पढ़ता हुआ रोटी की चिंता करने लगता है। पत्रकारिता से परास्नातक करने के बाद नौकरी (मन लायक) न मिलने की स्थिति में फिर प्रबंध-शास्त्र से परास्नातक (MBA) करने का निर्णय लिया। बिल्ली(CAT) को घंटी बाँधने की कोशिश की लेकिन शिकार से पहले की रात हिम्मत और उत्साह बढ़ाने में कुछ ज्यादा ही शराब पी ली। अंग्रेजी में एक कहावत है कि जितना आप युद्धभ्यास में पसीना बहाते हैं, रणक्षेत्र में रक्त उतना ही कम बहता है। मेरे साथ उल्टा हुआ, मैं रणभूमि में क्षत-विक्षत हो गया। लेकिन गिरते-पड़ते मेरा दाखिला काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रबंधशास्त्र संकाय में हो ही गया। इस विश्वविद्यालय में आते ही हम फिर से पुराने रंग में लौटे और ज़िन्दगी फिर से श्याम-श्वेत से ईस्टमैन कलर हो गई।
यहाँ रैगिंग की प्रथा थी, जो इंट्रो नाम से चलती थी। मैंने आग्रह किया कि मुझसे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इंट्रो न माँगा जाए, जिसे थोड़ा हड़काए जाने के बाद मेरे सीनियरों ने सप्रेम मान लिया। उस बैच का दादा कला संकाय का मेरा अनुज था। कला संकाय की भैयारी सगे भाइयों जैसी ही निभती है, सो उसने लाज रखी। इससे मेरी ख्याति (बदनामी) सभी विद्यार्थियों के कानों तक पहुँची। लड़कियाँ के सान्निध्य की मेरी चाह धरी की धरी रह गई। मेरे पानी को भी लोग जिन्न समझ रहे थे और मैं एक बदमाश मशहूर हो गया। बदनाम होने पर नाम तो हुआ पर बदनामी और ख्याति में फ़र्क तो था ही। फिर भी हम कहाँ मानने वाले थे और एक सांवली सलोनी सुरीली कन्या पर मोहित हो गया। वह गाती और मैं मोहित होता। ग़ज़ल मैं पढ़ने के साथ सुनने भी लगा, पर यह सिलसिला भी यहीं तक रहा। उसकी याद में मैं कई दिनों तक रेशमा का गाना लंबी जुदाई सुनता रहा। अब इस जुदाई को भी 13 वर्ष हो गए, और मैंने ग़ज़ल सुनना भी बंद कर दिया।
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई
शौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई
— जॉन एलिया
पढ़ाई पूरी करने से पहले ही कैंपस प्लेसमेंट हुआ और मैं ABC बैंक पहुँच गया। कल जयपुर ट्रेनिंग की कहानी।
क्रमशः…
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