योग के आयाम: शारीरिक एवं अध्यात्मिक पक्ष / प्रेम की अपार शक्ति योग का शारीरिक एवं अध्यात्मिक पक्ष ” प्रसनन्ता उर आनहु सबहीं कहै समझाए षट् रिपु द्वार खड़े हैं प्रभुजी दीजो