9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर 16वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में प्रधानमंन्त्री नरेंद्र मोदी ने आभासी (वर्चुअल) सभा का उद्घाटन और सम्बोधन किया। करीब आधे घण्टे के अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कोरोनाजन्य परिस्थितियों के मद्देनजर आभासी सभा के आयोजन की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीयों ने हर जगह महत्वपूर्ण योगदान किया है ।आज़ादी से अब तक के सफर में आने वाली चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ग़रीबी और अशिक्षा की चुनौतियों के बावजूद हमारा लोकतंत्र आज दुनिया के सबसे जीवंत,सबसे सफ़ल लोकतंत्रों में से एक है।
इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का विषय आत्मनिर्भर भारत है।
पीएम मोदी ने भारत के निर्माण में प्रवासियों के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के बढ़ते वैश्विक वर्चस्व का श्रेय प्रवासियों को भी जाता है।उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने समूर्ण विश्व मे भारतीयता का प्रचार प्रसार किया है और अपनी प्रतिभा से देश का और खुद का नाम रौशन किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष में प्रवासी भारतीयों ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान को मजबूत किया है।
कोरोना काल भारत के योगदान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की नज़रें आज भारत पर टिकी हैं।भारत मे बनी दोनों कोरोनारोधी टीकों के साथ भारत मानवता के हित मे कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध है।
पम मोदी ने स्वाधीनता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में प्रवासियों के योगदान और उनकी प्रेरणादायक जीवनियों के संकलन हेतु एक डिजिटल पोर्टल की स्थापना की बात भी कही।
तीन चरणों मे सम्पन्न होने वाले समारोह में
उद्घाटन सत्र के बाद दो अन्य सत्र ‘आत्मनिर्भर भारत में भारतीय समुदाय की भूमिका’ और कोविड बाद चुनौतियों का सामना: स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सामाजिक एवं अंतरराष्ट्रीय संबंधों के परिदृश्य विषय पर थे।
मुख्य अतिथि चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपना सम्बोधन भोजपुरी में कर प्रवासियों समेत समस्त भारतीयों का मन मोह लिया।
सम्मेलन के दौरान युवाओं के लिए ऑनलाइन ‘भारत को जानिए’ क्विज के विजेताओं की घोषणा की गई।
प्रवासी भारतीय दिवस हर वर्ष 9 जनवरी को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने की स्मृति में मनाया जाता है। हर वर्ष प्रवासियों को उनके क्षेत्र में दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान के विजताओं की घोषणा भी की जाती है।
ध्यातव्य हो कि वर्तमान में 31 मिलियन भारतीय विदेशों में रहते हैं। इनमें से 13 मिलियन पीआईओ (भारतीय मूल के व्यक्ति) और 17 मिलियन एनआरआई (अनिवासी भारतीय) हैं जो भारतीय अर्थ व्यवस्था, भारतीय संस्कृति भारतीय मेधा का परचम वैश्विक स्तर पर लहर रहे हैं।