प्रतिकूल परिस्थितियाँ सीखने की प्रक्रिया में उत्प्रेरक (catalyst ) की भूमिका निभाती हैं| जब अनुकूलता एवं प्रतिकूलता के बीच संघर्ष होता है तब उर्जा उत्पन्न होती है जो गति प्रदान करती है | सदैव अनुकूलता जीवन को जड़ एवं मति को मूढ़ बना देती है | दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने को चैतन्य सक्ता ने हमें विवेक एवं धैर्य स्वरूप उपकरण प्रदान किया है जिसका सही अवलम्बन काल की परिणति को दर्शाता है | आस्था एवं विश्वास जिनके आधार हैं |
— सं. योगप्रिया (मीना लाल)