एफआईए ने अयोध्या के राम मंदिर की 18 फुट लंबी, 9 फुट चौड़ी और 8 फुट ऊंची प्रतिकृति कोसांस्कृतिक महत्व का एक शक्तिशाली प्रतीक बताया है और इसे वैश्विक भारतीय समुदाय के लिएएक ऐतिहासिक क्षण का प्रमाण कहा है।
न्यूयॉर्क में एक प्रमुख भारतीय प्रवासी संगठन ने अपने वार्षिक ‘इंडिया डे’ परेड में अयोध्या के राम मंदिर कीझांकी शामिल किए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच “साम्प्रदायिक नफ़रत और कट्टरता” के आरोपों कोसख्ती से खारिज कर दिया है। यह परेड 18 अगस्त को मैनहट्टन में भारत के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य मेंआयोजित की जा रही है।
‘फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन्स एनवाई-एनजे-सीटी-एनई’ (एफआईए) ने घोषणा की है कि अयोध्याके राम मंदिर की झांकी इस परेड का मुख्य आकर्षण होगी। एफआईए के अध्यक्ष अंकुर वैद्य ने बताया किपिछले चार दशकों से आयोजित हो रही इस परेड के खिलाफ इस बार “नफरत भरी” टिप्पणियां की जा रहीहैं।
मानवाधिकार और अंतरधार्मिक संगठनों के एक समूह ने राम मंदिर की झांकी को परेड में शामिल किएजाने की निंदा की है और न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स को पत्रलिखकर “मुस्लिम विरोधी झांकी” के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।
वैद्य ने इस वर्ष के समारोह की थीम “वसुधैव कुटुम्बकम” (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) बताते हुए कहा किपिछले चार दशकों से यह परेड समुदाय का उत्सव रही है और समावेशिता और विविधता का प्रतीक बनीहुई है। उन्होंने कहा कि इसमें शामिल होने वाले सभी को सम्मानपूर्वक और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बातरखने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते वह दूसरों का अपमान न करें।
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