योग के आयाम: नकारात्मक विचारों को सकारात्मक रूप देना - pravasisamwad
July 28, 2021
1 min read

योग के आयाम: नकारात्मक विचारों को सकारात्मक रूप देना

Pic@Kaushalendra

प्रतिपक्ष-भावना — नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों का रूप देना | यह बुद्धि के सदुपयोग को दर्शाती है जो साधना के रूप में शुरू होती हैऔर व्यवहार के रूप में परिलक्षित होती है | जब तक आत्मविश्वास नहीं आयेगा प्रतिपक्ष भावना सिद्ध नहीं होती | इसके लिए प्रथम खुद को साधने कीआवश्यकता है, पवित्र बनाने की | प्रयास द्वारा एक समय ऐसा आता है जब षटरिपुओं को नियंत्रित किया जा सकता है |

प्रतिपक्ष भावना को चित्त में आरोपित करने हेतु विपरीत शब्दों का ज्ञान अवश्यक है जैसे —

क्रोध – क्षमा

अहंकार – संयम

हिंसा – प्रेम

घृणा – स्नेह

ईर्ष्या – प्रशंसा

डर – आत्मविश्वास. आदि – आदिI

— सं. योग प्रिया (मीना लाल)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

Days after Ramappa in World Heritage list, UNESCO inscribes Harappan city of Dholavira

Next Story

AIMIM hints at an alliance with Samajwadi Party in UP elections

Latest from Blog

Go toTop