-तोषी ज्योत्स्ना
केरल के वायनाड से कांग्रेस के सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों केरल यूँ कहें कि दक्षिण की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं फिर चाहे वो वायनाड की ट्रैक्टर रैली हो या मछेरों के साथ समुद्र में छलांग। यहां तक कि उनकी दक्षिण उत्तर वाली टिप्पणी ने भी सियासत को जबरदस्त हवा दे दी है।
राजनीति की ये ख़ासियत है कि जो दिखाया जाता है वो आमतौर पर होता नहीं है।राहुल गांधी के उत्तर दक्षिण वाले बयान की अगर समीक्षा की जाए तो पता चलता है कि उनका यह बयान सियासी रूप से नियोजित था। दक्षिण भारतीयों के विश्लेषक या लॉजिकल होने का बयान भावनाओं यानी सेंटीमेंट्स को साधने के साथ साथ दक्षिणी सियासत की मुहिम को भी साधने के प्रयास में था।
उत्तर भारत की सियासत पर कांग्रेस की लगातार ढीली होती पकड़ की भरपाई करने की गरज़ से कॉंग्रेस दक्खिन के तटवर्ती राज्यों के लगभग 155 सीटों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। राहुल गांधी की समुद्री छलाँग हो या तमिलनाडु में बच्चों के साथ की गई वर्जिश सब एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है।यहां तक कि उनका यह बार बार कहना कि देश में मत्स्य पालन मंत्रालय ही नहीं है बिना मकसद नहीं है है।
दरअसल मत्स्यपालन मंत्रालय पर की गई टिप्पणी सरकार पर तंज है ।राहुल यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि लगभग 6 बिलियन की आमदनी वाले मत्स्य उद्योग में रत करीब 14 मिलियन मछुआरों की मेहनत और उपलब्धियों का संज्ञान सरकार नहीं ले रही है और इसमें वे मछुआरों के साथ उनके हितों के लिए खड़े हैं।इस मुद्दे पर राहुल की सियासी छलांग से बीजेपी की नाव डगमगाती है या डूबती है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। हालांकि सत्ता पक्ष और ख़ुद कॉंग्रेस पार्टी तथा उनके सहयोगी दल राहुल के उत्तर दक्षिण वाले बयान की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। एक एक कर सरकार के कई मंत्रियों ने राहुल के इस बयान पर टिप्पणी की है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी,जेपी नड्डा, विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्मृति ईरानी तथा किरण रिजिजू ने राहुल की इस टिप्पणी पर पलटवार किया है।
अप्रैल में होने वाले चुनाव के मद्देनजर एलडीएफ और यूडीएफ के बीच भी लगातार घमासान छिड़ा हुआ है। उसी परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुडुचेरी की हार पर राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल किया तथा सार्वजनिक मंच से यह भी पूछा कि केरल में किसानों के हित में बोलने वाले राहुल दिल्ली में हो रहे किसानों के आंदोलन पर चुप क्यों हैं।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हमला जारी रखते हुए राहुल गांधी के उत्तर दक्षिण वाले बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल एक बेहतरीन पर्यटक हैं और देश विदेश घूमते हैं, उनकी केरल यात्रा से केरल के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा जरूर मिलेगा।मुख्यमंत्री विजयन ने राहुल के सामुद्रिक करतब पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भले ही राहुल दुनिया के उन हिस्सों में गए होंगे जहाँ पानी शांत होगा लेकिन केरल का पानी शांत नही है।
बता दें कि इस पूरे वार पलटवार में पीछे राहुल गांधी यह बयान है कि “मेरे लिये केरल आना अचानक से एक ताज़ी हवा के झोंखे की तरह था। यहां के लोग मुद्दों में सतही या नाम मात्र की दिलचस्पी नहीं रखते, बल्कि मुद्दे की जड़ों तक जाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी 15 सालों की राजनीति में अब तक उनका पाला दूसरे क़िस्म की सियासत से पड़ता था।”
(तोषी ज्योत्स्ना आईटी पेशेवर हैं। हिंदी और अंग्रेजी में समकालीन मुद्दों पर लिखने में गहरी दिलचस्पी रखते हुए एक स्तंभकार और पुरस्कार विजेता कहानीकार भी हैं।)