Friday, November 22, 2024

भारतीय वैज्ञानिक ने बनाया दालों से डेरी- फ्री मिल्क पाउडर और क्रीम

पिछले चार सालों से न्यूज़ीलैंड के चौथे बड़े शहर पॉमेस्टन नार्थ की मैसी युनिवर्सिटी में वैज्ञानिक एक प्रयोग में लगे हुए थे जिसमे उन्हें अब सफलता मिली है

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दालों से मिल्क पाउडर बना पाना, क्रीम भी और अब आइसक्रीम की कोशिश करना, ये अपने आप में एक बहुत बड़ीसफलता है. आजकल बहुत से लोगों को डेरी प्रोडक्ट्स से, मिल्क से एलर्जी है. तो इसके अल्टरनेट तलाशे जा रहे हैं. काफी कुछ मिलता है बाज़ारों में विकल्प के रूप में – सोया मिल्क, ओट मिल्क, राइस मिल्क, आलमंड बटर वगैरह। नॉनडेरी प्रोडक्ट्स की इंडस्ट्री कोई छोटी इंडस्ट्री नहीं है, इसने पिछले साल 40 बिलियन डॉलर का कारोबार किया.यानि इसक्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं.

पिछले चार सालों से न्यूज़ीलैंड के चौथे बड़े शहर पॉमेस्टन नार्थ की मैसी युनिवर्सिटी में वैज्ञानिक एक प्रयोग में लगे हुए थेजिसमे उन्हें अब सफलता मिली है. डेरी फ्री क्रीम और मिल्क पाउडर बना डाला है इन लोगों ने और वो भी दालों से- पल्सेज़एंड लेग्यूम्स. और आइसक्रीम भी बनाने वाले हैं इंग्रेडियन्ट फॉर्म में और ऐसा करने वाले वे दुनिया में पहले हैं.

इन वैज्ञानिकों में हैं भारत के डॉ. अरूप नाग जो चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर हैं. उन्होंने कहा कि मैं अभी दाल का नाम तोनहीं बताऊंगा लेकिन ये इण्डिया में खूब होती है और चावल की दो पैदावारों के बीच इसकी फसल ली जाती है (as a rotation crop between rice planting). पहेली हो गई? मुझे तो समझ नहीं आ रही कौन सी हो सकती है?

नॉन डेरी प्रोडक्ट्स की इंडस्ट्री कोई छोटी इंडस्ट्री नहीं हैइसने पिछले साल 40 बिलियन डॉलर का कारोबार किया.यानि इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं

 डॉ नाग ने कहा की मैं  बचपन से ही इस दाल से परिचित था लेकिन ये कभी नहीं सोचा था की कभी बड़ा हो कर न्यूज़ीलैंडजा कर इस पर रिसर्च करूँगा और इससे कुछ नया ही बना डालूंगा. शायद हमें जल्दी ही इनकी बनाई ये नॉन डेरीamazing frothy, foaming, whipped cream बाजार में मिले. ये डबल ख़ुशी की खबर है. न्यूज़ीलैंड में ऐसा प्रयोगपहली बार हुआ पहली ख़ुशी और इसका हिस्सा एक भारतीय है दूसरी ख़ुशी.

हम घटक प्रारूप में  (ingredient format) आइसक्रीम भी विकसित कर रहे हैं, इस के लिए हमारे पास पाउडर और क्रीमहैं जो मिलकर बेहतरीन आइसक्रीम बनाते हैं और हम इसके लिए फॉर्मूलेशन पर दुनिया भर की बड़ी बहु-राष्ट्रीय कंपनियोंके साथ बात कर रहे हैं. इसकी खपत के लिए अभी सुपरमार्केट शेल्फ़ के बजाय एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी बेकरीऔर कॉफी श्रृंखलाओं पर ध्यान दिया जा रहा है.

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Preeta Vyas
Preeta Vyas
(न्यूजीलैंड निवासी लेखक/ पत्रकार प्रीता व्यास का रेडियो पर लंबी पारी के बाद प्रकाशन में भी कई दशक का योगदान। बच्चों के लिए लगभग दो सौ पुस्तकें प्रकाशित। पहली भारतीय लेखक जिन्होंने इंडोनेशियन भाषा और हिंदी में बाई लिंगुअल भाषा ज्ञान, व्याकरण की तीन पुस्तकें, इंडोनेशिया की लोक कथाएं, बाली की लोक कथाएं, बाली के मंदिरों के मिथक, एवं माओरी लोक कथाएं जैसी रचनाएँ प्रकाशित कीं ।) After working many years as a radio broadcaster, Journalist and Author, Preeta Vyas has come out with 200 books for children. She is the only writer of Indian origin who has written bilingual books in Indonesian and Hindi languages; Bali ki Lok Kathayen (folk stories of Bali); Bali ke Mandiron ka Mithak (Myths of Bali Temples); and Maori LOk Kathayen (Maori Folk Stories). She is based in New Zealand.)

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