कलाकार गुर्जर सिंह बघेल ने राष्ट्रीय राजधानी में अपनी जनजातीय कला से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को किया मंत्रमुग्ध प्रसिद्ध जनजातीय कलाकार गुर्जर सिंह बघेल ने नई दिल्ली में चल रही प्रदर्शनी में बाघों और वन जीवन पर आधारित
साइलेंट कन्वर्सेशन्स’: जनजातीय कलाकारों की कूची से बाघ और सहअस्तित्व की कहानियाँ ताडोबा–अंधारी टाइगर रिज़र्व की प्रसिद्ध बाघिन माया की कहानी से लेकर असम के काज़ीरंगा, राजस्थान के रणथंभौर और अरुणाचल प्रदेश
हैदेरगुड़ा से हैदराबाद तक: कैसे एक शिक्षक ने रचा कला का संसार रामकृष्ण कोंगल्ला, जिन्होंने आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव हैदेरगुड़ा में स्थित संस्कृति स्कूल में 15 साल बिताए, कभी
प्राचीन कला से वैश्विक मंच तक: तमिलनाडु की जमक्कलम ने लंदन फैशन वीक में बिखेरी चमक जब सतत् फैशन डिज़ाइनर वीनो सुप्रजा ने लंदन फैशन वीक में भवानी की पारंपरिक जमक्कलम प्रदर्शित की, तो यह सिर्फ़
राष्ट्रपति भवन में गूँजी सिलचर की बुनाई की गूंज: उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने पहनी रजेशोरी की साड़ी उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह का मंच हमेशा से औपचारिकता, परंपरा और गरिमा का प्रतीक रहा है। लेकिन इस बार,
गणितीय सौंदर्य में गढ़ी हनुमान की भव्यता : कल्याण एस. राठौड़ की प्रतिमा ने बेंगलुरु को किया मंत्रमुग्ध बेंगलुरु की सड़कों ने हाल ही में खुले आसमान के नीचे एक आर्ट गैलरी का रूप ले लिया जब गिनीज़
पटना की बेटी सिन्नी: मेहंदी डिज़ाइन से बनी इंटरनेशनल आर्टिस्ट अठारह वर्षीय राधा पटना के एक स्टूडियो में चुपचाप बैठी है। उसका ब्रश कैनवास पर इस आत्मविश्वास से चल रहा
कैसे राजकुमारी अक्षिता भंज देव भारत की शाही विरासत को नए युग में सजीव कर रही हैं भारत की रियासतों की ढलती शान और खंडहर बनते महलों के बीच जन्मी मयूरभंज की राजकुमारी अक्षिता भंज देव अक्सर
छुक-छुक चलती रेलगाड़ी: भारत की भाप इंजन ट्रेनों को एक सदाबहार सलाम 1990 के दशक के मध्य तक, भारत की पटरियों पर चलती भाप इंजन ट्रेनों की चुक–चुक–चुक आवाज़ एक जानी-पहचानी धुन
लुप्तप्राय लोक कला ‘चित्तारा’ को संजोने के लिए प्रतिबद्ध कलाकार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड कल्चर (IIWC) में प्रदर्शित दीवारु कलाकार श्रुति की पारंपरिक ‘हसे चित्तारा’ पेंटिंग एक विवाह समारोह को