Subodh Kumar Jha, Author at pravasisamwad
Subodh Kumar Jha

Subodh Kumar Jha

चेतक बनाम बुलेट

चेतक की स्मृति और उसके न होने की कसक कोसी क्षेत्र में भ्रमण के दौरान हो आना बहुत ही सामान्य

यायावरी की मस्ती

दुनिया ने तेरी याद से बेगाना कर दिया तुझ से भी दिल-फ़रेब हैं ग़म रोज़गार के — फैज़ PRAVASISAMWAD.COM यायावरी की मस्ती की चर्चा बहुत से लेखकों ने की है लेकिन यदि आपकी यात्रा का

पूर्वाग्रह से आगे

…मेरी समस्या यह नहीं कि मैं नया स्वीकार नहीं कर पाता, बल्कि मेरे साथ सबसे बड़ी चुनौती  यह है कि मूलभूत बातों को छोड़ मेरी विचारधारा पर उस बात का अत्यधिक प्रभाव जिसका मैं  तत्काल अनुभव कर रहा होता हूँ PRAVASISAMWAD.COM आदमी को चाहिए कि वह हर रोज कुछ नया सीखे, तभी वह हर बीते कल की

जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते

यायावरी में रास्ता ही मंज़िल होता है, खानाबदोशी में वहाँ पहुँचना होता है जहाँ भोजन मिले पर चाकरी में जहाँ मालिक भेजे वहाँ जाना होता है, वह भी समय से और कुल के बावजूद भी मैं हूँ तो एक सम्मानित चाकर ही और सम्मानित भी कितना हूँ यह मेरा दिल और मेरे सहकर्मी ही जानते हैं PRAVASISAMWAD.COM जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते बिहार राज्ये अररिया नगरे कुछ ऐसे भी स्थान हैं जिनका विकास के मानचित्र पर

मित्रता दिवस

अवगुणों की सहर्ष स्वीकृति ही मित्रता का आधार है और इसलिए यह रिश्ता अन्य सभी रिश्तों से उपर है। PRAVASISAMWAD.COM

भाषा का विलास

* ब्याज-स्तुति का उत्कृष्ट उदाहरण है बेनी कवि द्वारा रचित कविता राधा सौंदर्य। इसमें कवि गिनवाते हैं कि राधा रानी
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