चिरुड्डी, झारखंड दीवारों से दुनियाभर तक: चिरुड्डी गांव की महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि जब परंपरा को नए ज़माने से जोड़ा जाए, तो वह सिर्फ इतिहासही नहीं बल्कि भविष्य भी गढ़ती है। सोहराय अब सिर्फ एक पर्व नहीं, एक आंदोलन है — आत्मनिर्भरता, पहचान और सृजन का। झारखंड के हज़ारीबाग जिले का एक छोटा सा गांव चिरुड्डी — जहां कभी दीवारें सिर्फ मिट्टी की