टीम इंडिया की बात करें तो नज़रों के सामने विराट और उनके बॉयज की विराट छवि घूम जाती है। बच्चे बच्चे की ज़बान पर उनका नाम और उनकी उपलब्धियों की लिस्ट रहती है। वहीं अगर भारतीय महिला क्रिकेट की बात करें तो कप्तान का नाम भी बमुश्किल ही कुछ लोग बता पाएंगे। महिला क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी खबर ने इन दिनों सबका ध्यान इस उपेक्षित भारतीय महिला क्रिकेट की ओर फिर से खींचा है। महिला क्रिकेट की कप्तान मिताली दोराई राज के शानदार 10,000 रनों ने एक बार फिर से उन्हें और उनके उम्दा खेल को सुर्खियों में ला खड़ा किया है। ध्यातव्य हो कि दस हज़ार रन बनाने वाली मिताली भारत की पहली और विश्व की दूसरी महिला हैं। महिला क्रिकेट में मिताली के अतिरिक्त 10,000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाने का रेकॉर्ड केवल इंग्लैंड की पूर्व क्रिकेटर चार्लोट एडवर्ड्स ने बनाया है। एडवर्ड्स ने 309 मैचों में 67 अर्धशतक और 13 शतकों की मदद से 10,273 रन बनाए थे। मिताली ने अब तक खेले 311 मैचों में 75 अर्धशतकों और 8 शतकों के साथ 10,001 रन बनाये हैं। मिताली के नाम इतने कीर्तिमान और इतनी उपलब्धियां हैं कि उनके प्रशंसकों ने उन्हें लेडी सचिन नाम दिया है।
बहुत कम लोगों को पता होगा कि मिताली के नाम एक ऐसा अनोखा रिकार्ड है जिसकी बराबरी अभी तक हमारे ‘मेन इन ब्लू ‘ भी नहीं कर पाए हैं।मिताली पहली भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में लगातार सात बार अर्धशतक लगाया है। महिला एवं पुरुष, दोनों वर्गों के क्रिकेट में सिर्फ जावेद मियांदाद ही उनसे आगे हैं जिनके नाम लगातार नौ अर्ध-शतक जड़ने का ख़िताब है।
बता दें कि 38 वर्षीय मिताली राज ने भारत की ओर से 1999 में वन-डे के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू किया था।अब तक उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में 51.00 की औसत से 663 रन, वनडे क्रिकेट में 212 मैचों में 50.53 की औसत से 6,974 और टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 89 मैचों में 37.52 की औसत से 2,364 रन बनाए हैं। मिताली ने अपने करियर में रिकॉर्ड 75 अर्धशतक और 8 शतक जमाए हैं। इनमें से 54 अर्धशतक और 7 शतक उन्होंने वनडे मैचों में बनाए। टेस्ट मैचों में उन्होंने एकमात्र शतक (214 रन) इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में टॉटन में बनाया था।
बहुत कम लोगों को पता होगा कि मिताली के नाम एक ऐसा अनोखा रिकार्ड है जिसकी बराबरी अभी तक हमारे ‘मेन इन ब्लू ‘ भी नहीं कर पाए हैं।मिताली पहली भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच में लगातार सात बार अर्धशतक लगाया है। महिला एवं पुरुष, दोनों वर्गों के क्रिकेट में सिर्फ जावेद मियांदाद ही उनसे आगे हैं जिनके नाम लगातार नौ अर्ध-शतक जड़ने का ख़िताब है।
मिताली के निजी जीवन की बात करें तो उनका जन्म 3 दिसम्बर 1982 को जोधपुर में हुआ था। उनकी माता का नाम लीला राज और पिता का नाम दोराई राज है। एक तमिल परिवार में जन्म लेने वाली मिताली ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और 7 साल बाद वह भारतीय टीम का हिस्सा बन गई थीं। बचपन में भरतनाट्यम सीखती थीं और डांसर बनना चाहती थीं। उनके भाई की क्रिकेट ट्रेनिंग के दौरान कोच ज्योति प्रसाद ने उनकी प्रतिभा को पहचान उनकी भी ट्रेनिंग शुरू की और उत्कृष्ट प्रशिक्षण तथा कड़ी मेहनत और लगन से तप कर सच्चा सोना और निखर गया। मिताली ने अपने खेल जीवन को हमेशा निजी जीवन से ज्यादा महत्व दिया। अपने उत्कृष्ट खेल को बाधा मुक्त रखने की गरज़ से मिताली अब तक अविवाहित हैं,यह क्रिकेट के प्रति उनके समर्पण को बखूबी दर्शाता है। मिताली को पद्मश्री, और अर्जुन अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है।
उम्मीद यही कर सकते हैं कि मिताली की उपलब्धियों से प्रेरित होकर देश में महिला क्रिकेट को बढ़ावा दिया जाएगा। महिला क्रिकेट के होनहार युवा खिलाड़ियों को समाज और सरकार द्वारा समुचित प्रोत्साहन देने की व्यवस्था होगी अन्यथा मिताली और उनके जैसे दूसरे खेलजगत के चमकते सितारे कुछ पल को अपनी विशिष्ट उपलब्धियों से रौशन होकर फिर गुमनामी के अंधेरे में चुपचाप अपने देश के लिए खेलते रहते हैं इसी आस में कि कभी तो देश उनकी भी सुध लेगा, उनकी भी पीठ ठोक शाबाशी देगा।